* दिल की बीमारियां: नारियल तेल, ताड़ (Palm) तेल और घी में ज्यादा सैचुरेटेड फैट होती है, जो अच्छे कोलेस्ट्रॉल (HDL) को कम और खराब कोलेस्ट्रॉल (LDL) को बढ़ाती है, जिससे हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है.
* डायबिटीज का खतरा: ट्रांस फैट से इंसुलिन रेजिस्टेंस बढ़ता है, जिससे टाइप 2 डायबिटीज होने की संभावना बढ़ जाती है.
* पाचन और पेट की समस्याएं: बार-बार गर्म किया गया तेल ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को बढ़ाता है, जिससे गैस्ट्रिक समस्याएं, एसिडिटी और पाचन संबंधी दिक्कतें हो सकती हैं.
* मोटापा और हाई ब्लड प्रेशर: अधिक तेल खाने से वजन तेजी से बढ़ता है, जिससे हाई ब्लड प्रेशर और अन्य लाइफस्टाइल से जुड़ी बीमारियां होने लगती हैं.
ज़्यादा तेल खाने से कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं, जैसे:
- पेट में सूजन, दर्द, और दस्त
- पेट के माइक्रोबायोम खराब होना
- वज़न और मोटापा बढ़ना
- हार्ट डिज़ीज़ और स्ट्रोक का खतरा
- डायबिटीज़ की समस्या
- मुंहासे होना
- दिमागी कामकाज पर असर पड़ना
- पेट में जलन, एसिडिटी, और गैस
- कम उम्र में कमज़ोरी
- कैंसर जैसी बीमारियों का खतरा
ज़्यादा तेल खाने से होने वाले कुछ और नुकसान: ब्लड शुगर लेवल बढ़ना, कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ना, हाई बीपी, दिल के दौरे और स्ट्रोक का खतरा बढ़ना, धमनियों का सख्त होना (एथेरोस्क्लेरोसिस).
ज़्यादा तेल खाने से बचने के लिए, अपनी डाइट का ख्याल रखें और ऑयल इनटेक को कंट्रोल करें. WHO के मुताबिक, एक वयस्क को दिन में 4 चम्मच से ज़्यादा तेल का सेवन नहीं करना चाहिए. इसमें घी और तेल सभी की मात्रा शामिल है.
प्रेग्नेंट और ब्रेस्टफ़ीड कराने वाली महिलाओं को ज़्यादा तेल-मसाले वाला खाना खाने से बचना चाहिए.