स्थानीय निवासी को लगा रखा है चपरासी वो भी बैंक के अन्दर करता है अभद्र भाषा का प्रयोग
जागरूक नागरिक इनका विरोध करता है तो उसे राजकार्य मे बाधा पहुंचाने की व वित्तीय संस्था होने की धमकी देकर दबा दिया जाता है बैक के अन्दर
बेटियो को भी फोटो मेच नही खाने का हवाला देकर नही देते है उनको भी पेमेंट
रैणी(अलवर)महेश चन्द मीना,
अलवर के रैणी-उपखंड क्षेत्र के माचाड़ी कस्बे मे पंजाब नेशनल बैंक की शाखा खुली हुई है जिसमे इन दिनो खिड़की नम्बर एक पर व दो नम्बर पर बैठे हुए बाबूजी खुलेआम बैंक के अन्दर मनमानी तानाशाही व दादागिरी दिखाते हुए देख सकते है और इनके साथ साथ एक स्थानीय निवासी व्यक्ति को चपरासी लगा रखा है वो भी बैंक के अन्दर खुलेआम अभद्र व्यवहार करता है।ऐसा ही दृश्य माचाड़ी पीएनबी मे बुधवार को देखा गया जो कि बैंक की समस्त सीसीटीवी फुटेज मे भी देखा जा सकता है क्योंकि बैंक के अन्दर तो सीसीटीवी कैमरे तो हमेशा ही चालू होते है इसलिए सम्बन्धित जिम्मेदार उच्चाधिकारीगणो को खिड़की नम्बर एक व दो पर बैठे हुए बाबूजी व स्थानीय नागरिक जो कि बैंक मे चपरासी लगा रखा है इन सभी की करतूतो/अभद्र व्यवहार को भी देख लेना चाहिए। बुधवार को लगभग 3:30 बजे के बाद की घटना है कि एक बेटी अपने खाते से 4500 रूपये निकलवाने के लिए निकासी फार्म भरकर खिड़की नम्बर एक पर देती है तो खिड़की नम्बर एक पर बैठा हुआ बाबूजी फोटो मैच नही खाने का हवाला देकर पेमेंट देने के लिए मना कर देता है जबकि बेटी उनसे बोलती है कि मेरा कोलेज आई कार्ड देख लिजिए और फोन मे मेरा आधार कार्ड देख लिजिए क्योंकि अब मै आपको नया फोटो तो कहा से दू लेकिन आप मेरा पेमेंट तो कर दीजिए फिर मै आपको नया फोटो भी दे दूगी लेकिन बेटी की तो इन्होने एक बात भी नही सुनी और पेमेंट के लिए सख्त मना कर दिया तो बेटी को बिना भुगतान लिए ही निराश होकर बैंक से खाली हाथ आना पडा ये हाल है अलवर के रैणी-उपखंड क्षेत्र की माचाड़ी पीएनबी का।इस दौरान जब कोई जागरूक नागरिक इन बाबूओ को समझाने की कोशिश भी करता है तो खिड़की नम्बर दो पर बैठा हुआ बाबूजी तथा स्थानीय नागरिक जो कि बैंक मे चपरासी लगा रखा है खुलेआम धमकी देते है कि राजकार्य मे बाधा उत्पन्न कर रहे है और बैंक वित्तीय संस्थान है इस शाखा के अन्दर हमारी बात माननी ही पड़ेगी अन्यथा हम आपके खिलाफ कार्रवाई भी करा सकते है इससे साफ जाहिर होता है कि माचाड़ी पीएनबी के अन्दर इनकी खुलेआम दादागिरी , मनमानी , तानाशाही चलती है और यदि कोई जागरूक नागरिक इनका विरोध करता है तो उसे 332 , 353 का व वित्तीय संस्थान होने की धमकी देकर डरा देते है इसलिए उच्चाधिकारीगणो को इनकी कार्यशैली पर विचार करना चाहिए क्योंकि ये सभी लोग पब्लिक सरवैन्ट है जबकि इनका इस तरह का दुर्व्यवहार करता तो पब्लिक ओनर जैसा प्रतीत होता है।