रिपोर्ट अनमोल कुमार
पटना। बिहार में उद्यमिता पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देने और सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSME) की क्षमताओं को मजबूत करने के लिए, उद्योग विभाग ने प्रतिष्ठित संस्थानों के साथ उद्यमिता विकास कार्यक्रम (EDP) प्रशिक्षण के लिए एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं। यह पहल ‘रेजिंग एंड एक्सेलरेटिंग MSME परफॉर्मेंस (RAMP)’ कार्यक्रम का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य MSME को वैश्विक बाजार में अधिक प्रतिस्पर्धी बनाना है।
इस MoU पर कई प्रतिष्ठित संस्थानों के साथ हस्ताक्षर किए गए हैं, जिनमें चंद्रगुप्त प्रबंधन संस्थान पटना (CIMP), भारतीय प्रबंधन संस्थान बोधगया (IIM बोधगया), केंद्रीय पेट्रोकेमिकल इंजीनियरिंग एवं प्रौद्योगिकी संस्थान (CIPET) वैशाली और भागलपुर, और AMHSSC शामिल हैं। ये प्रमुख संस्थान राज्य भर के 80,000 MSME को गैर-आवासीय प्रशिक्षण प्रदान करेंगे, जिससे उन्हें प्रतिस्पर्धात्मक व्यावसायिक वातावरण में सफल होने के लिए आवश्यक कौशल और ज्ञान से लैस किया जाएगा।
प्रशिक्षण मॉड्यूल में डिजिटल और वित्तीय साक्षरता, लीन मैन्युफैक्चरिंग प्रथाएं और नेतृत्व विकास जैसे महत्वपूर्ण पहलू शामिल होंगे। इन मॉड्यूल का उद्देश्य MSME की दक्षता को बढ़ाना, वित्तीय समावेश सुनिश्चित करना और नेतृत्व कौशल को मजबूत करना है, जिससे वे राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा कर सकें।
MoU हस्ताक्षर समारोह में माननीय उद्योग मंत्री श्री नीतीश मिश्रा, निदेशक, तकनीकी विकास श्री शेखर आनंद, सहायक उद्योग निदेशक, श्रीमती निशा कुमारी एवं RAMP कार्यक्रम टीम के सदस्य उपस्थित रहे। इस अवसर पर माननीय मंत्री ने कौशल विकास के महत्व पर जोर दिया, जिससे MSME क्षेत्र को और अधिक मजबूत बनाया जा सके। उन्होंने सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई कि वह उद्यमिता संस्कृति को बढ़ावा देने और सूक्ष्म और मध्यम उद्यमों को आवश्यक सहायता प्रदान करने के लिए लगातार प्रयासरत है। इसके साथ ही माननीय मंत्री नीतीश मिश्रा
ने कहा, बिहार सरकार द्वारा MSME सेक्टर पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। बिहार सरकार द्वारा प्रायोजित योजना मुख्यमंत्री उद्यमी योजना और बिहार लघु उद्यमी योजना के माध्यम से प्रदेश में MSME सेक्टर को और अधिक सशक्त बनाया जा रहा है। मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के तहत युवाओं को न केवल वित्तीय सहायता मिलती है, बल्कि अनिवार्य प्रशिक्षण सत्रों के माध्यम से उन्हें व्यावसायिक कौशल भी सिखाया जाता है, जिससे वे अपने व्यवसाय को सफलतापूर्वक स्थापित और संचालित कर सकें। साथ ही, उन्होंने सरकार की प्रतिबद्धता दोहराते हुए कहा कि उद्यमिता संस्कृति को बढ़ावा देने और सूक्ष्म एवं मध्यम उद्यमों को आवश्यक सहायता प्रदान करने के लिए उद्योग विभाग, बिहार सरकार लगातार प्रयासरत है।