रिपोर्ट अनमोल कुमार
गया। आजकल खाने पीने और घरेलू सामग्रियों में प्लास्टिक के थैली और डब्बों बढ़ते प्रचलन से हृदयाघात का खतरा बढ गया है यह जानकारी गया के जाने माने चिकित्सक, डॉ के के कमर ने दिया। उन्होंने कहा कि प्लास्टिक अब मानव जीवन में जीवनशैली के रूप में बढता जा रहा है Siva हृदय रोग और हृदयाघात के खतरा को बढ़ा रहा है। उन्होंने कहा कि हाल के शोध से ज्ञात हुआ है कि हृदयाघात ( Plastic containers cause Heart failure) प्लास्टिक वस्तुओं के उपयोग काफी बढ़ा हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि अगर प्लास्टिक के उपयोग पर प्रतिबंध नहीं लगाया गया, तो हृदयाघात की समस्याएं बढ़ सकती है। यह सर्कुलेशन सिस्टम को भी प्रभावित करता है। उन्होंने कहा कि यह शोध Science diren. Com नामक पत्रिका में भी प्रकाशित हुई है। प्रथम चरण में 3000 चाईनीज पर शोधकर्ताओं ने शोध किया, तो पाया कि ये सभी हृदयरोग से प्रभावित हैं जिसने सर्वाधिक प्लास्टिक का उपयोग किया है। शोधकर्ताओं ने दूसरे चरण में चूहों पर भी शोध किया और पाया कि पानी के बर्तन में इन्हें रखें जाने पर काफी मात्रा में काले प्लास्टिक का अंश पाया गया है जो हृदयाघात का कारण बन सकता है। लब्ध प्रतिष्ठित संस्था आजाद बेलफेयर सेन्टर ने प्लास्टिक उन्मूलन जागरूकता अभियान चलाने का निर्णय लिया है। सेन्टर के सचिव डॉ के के कमर ने कहा कि प्लास्टिक के उपयोग से ना केवल हृदयरोग का खतरा बढ़ा बल्कि लीवर के क्षति होने का खतरा पैदा हुआ है। साथ ही पर्यावरण को भी काफी क्षति पहुंच रहा है।