July 13, 2025 7:36 pm

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मधुबनी जिला की प्रथम नेत्रदानी स्व. भगवती देवी दास जी के परिजनों को दधीचि देहदान समिति ने किया सम्मानित

रिपोर्ट अनमोल कुमार

मधुबनी।हरपुर, डीह टोल, मधुबनी निवासी अवकाश प्राप्त शिक्षिका भागवती कुमारी दास (73 वर्ष) की मृत्यु 09 मार्च को डीएमसीएच दरभंगा में होने के उपरांत उनके परिजनों ने उनकी इच्छा को पूरा करने के लिए दधीचि देहदान समिति के क्षेत्रीय मंत्री मनमोहन सरावगी से संपर्क कर उनकी आंखों के दान की प्रक्रिया पूर्ण करने हेतु अनुरोध किया।

नेत्र बैंक की टीम ने डीएमसीएच के इमरजेंसी वार्ड पहुंचकर दिवंगत भगवती दास जी की दोनों आंखों की कार्निया का दान लिया।

दधीचि देहदान समिति द्वारा स्व. भगवती देवी दास जी के अंतिम कर्म पर गुरुवार को उनके आवास हरिपुर डीह टोल, मधुबनी पहुंचकर उनके परिजनों को सम्मानित किया गया।

दधीचि देहदान समिति की ओर से मधुबनी के संयोजक कृष्णा महासेठ, झंझारपुर के अध्यक्ष प्रदीप कुमार, सचिव अमित राउत, मधुबनी के सचिव डॉ विजय रमन, डॉ अशोक झा एवं सभी सदस्य दरभंगा से गए रक्तबीर उमेश प्रसाद ने नेत्रदानी स्व. भगवती देवी दास जी के देवर ललित कर्ण, भाई सुभाष कुमार दास एवं परिवार के अन्य सदस्यों को शॉल, दुपट्टा एवं प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया । क्षेत्रीय संगठन मंत्री मनमोहन सरावगी ने दधीचि देहदान समिति, बिहार के अध्यक्ष सिक्किम के पूर्व राज्यपाल गंगा प्रसाद जी, उपाध्यक्ष डॉ सुभाष एवं सचिव पद्मश्री विमल जैन जी के संयुक्त हस्ताक्षर से प्रेषित धन्यवाद पत्र सौंपा।

कृष्ण महासेठ ने बताया कि स्व भगवती देवी दास जी मधुबनी जिले की प्रथम नेत्र दानी हैं एवं उनके द्वारा आज जो नेत्रदान के क्षेत्र में यह शुरुआत की गई है अब मधुबनी जिले के लोग भी मानव सेवा में इस अभियान को आगे बढ़ाएंगे।

मनमोहन सरावगी ने परिजनों को ढाढस बंधाया एवं उपस्थित समाज से आवाहन किया कि नेत्रदान ही एक ऐसा कार्य है जो स्वयं भगवान भी नहीं कर सकते सिर्फ इंसान ही इस काम को कर सकता है।

यह डीएमसीएच के आई बैंक को संस्था द्वारा 20 लोगों से कुल 40 वां कार्निया का दान हुआ है।

उमेश प्रसाद ने कहा कि मृत्यु तो सुनिश्चित है जो आए हैं उन्हें जाना भी है अगर ऐसे में कोई अपने दिवंगत परिजन के नेत्रदान से दूसरों को दुनिया देखने का मौका देना चाहते हैं तो मोबाइल संख्या 9431219884 एवं 9431695040 पर खबर कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि नेत्रदान प्राण छूटने के 6 घंटे के भीतर हो जाना चाहिए।

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