गढ़ीसवाईराम कस्बे मे धूमधाम से मनाया गणगौर माता का पर्व*रैणी(अलवर)महेश चन्द मीना,अलवर के रैणी-उपखंड क्षेत्र केगढ़ीसवाईराम कस्बे मे राजस्थानी परंपरागत व राजपूत समाज का खास माने जाने वाला गणगौर का त्योहार यूँ तो हर जगह मनाया जाता है लेकिन गढ़ीसवाईराम कस्बे मे मनाये जाने वाला पर्व अपनी खास अहमियत रखता है। पुरातन काल राजा रजवाडा़े के समय तो कस्बे मे धूम-घाम से गणगौर माता की सवारी निकाली जाती थी और मेला भी भरता था। ठीक उसी परंपरा का निर्वहन करते हुए कस्बे मे महिलाएं व युवतिया होली के अगले दिन से ही अल सुबह उठ कर गणगौर माता के कर्ण प्रिय गीत ईशर जी म्हारा जयपुर जाज्यो सा, जयपुर सू लाज्यो तारा री चुनरी– जैसे गीतो को गाती हुई हरी दूब चुन कर लाती व हर रोज पूजा अर्चना कर ईशर गणगौर को रिझाने के प्रयास करती थी। गणगौर पूजा के बीच मे इन्होने सामुहिक रूप से मुख्य बाजार मे होकर बैण्ड़ बाजे से झारी निकाली। तथा सोमवार को बड़े उत्साह के साथ महिलाओ व कुँवारी युवतियो ने नख शिख श्रृंगार कर विधि विधान से गणगौर माता की पूजा अर्चना की व कहानी सुनी तथा सभी ने अपने घरो मे बनाये पकवान व गुने सकरपारो से गणगौर माता के भोग लगाया तथा अपने पति की लंबी उम्र की कामना करते हुए अपने परीवार की खुशहाली की मॉ गौरा से प्रार्थना की। इस अवसर पर कमला देवी,प्रेमलता,पुष्पा देवी,श्रीदेवी,गुड्डी,ज्योती, मनीषा,सुमन,मधु,निधी राठौड़,नन्दनी सहित काफी महिलाएं मौजूद रही।
