
श्रीराम के उज्जवल चरित्र से समाज में समरसता का वातावरण करें उत्पन्न -आचार्या विमलेश बंसल
श्रीराम का जीवन विश्व के प्रत्येक मानव के लिये अनुकरणीय है-डा प्रतिभा सिंघल
गाजियाबाद,रविवार,6-04-2025 को आर्य समाज अवंतिका यज्ञ योग कार्यशाला दयानन्द पार्क में राम नवमी पर्व हर्षोल्लास से सम्पन्न हुआ।दर्शनाचार्या विमलेश बंसल के ब्रह्मत्व में महायज्ञ हुआ जिसमे मुख्य यज्ञमान श्रीमती लावण्या सिंघल एवं वर्चस्व सिंघल व किमाया,कषा सहित रहे।सुप्रसिद्ध भजनोपदेशक पंडित भूपेन्द्र आर्य एवं घनश्याम प्रेमी द्वारा श्रीराम महिमा के मनमोहक भजनों की प्रस्तुति की गई जिसे सुनकर श्रोता भावविभोर हो गए।मुख्य वक्ता दर्शनाचार्या विमलेश बंसल ने रामनवमी की शुभकामनायें देते हुए कहा कि दशरथ नंदन श्रीराम अत्यन्त अदभुत सर्वगुणसंपन्न हैं।वे वेदवेदांग के तत्वज्ञ,वेदविद्या के रक्षक,धर्म के साक्षात् स्वरूप,आर्यसभ्यता का प्रकाश करने वाले सूर्यवंशप्रभाकर और लोकदिग्विजयी थे।वे मर्यादा व्यवस्थापक,एकपत्नीव्रती, प्रजापालक नरेश,सन्तानवत्सल पिता थे।कोई ऐसा दिव्य गुण और प्रतिभा नहीं हैं,जो श्रीरामचन्द्र में दिखाई न दे।उनकी प्राप्ति महाराज दशरथ को पुत्रेष्ठी यज्ञ से हुई थी।उनका पूरा जीवन यज्ञमय और प्रजा की रक्षा हेतु था।वे प्रतिदिन पंच महायज्ञ का पालन करते थे।माता सीता, कौशल्या,कैकेई,अहिल्या आदि वेदवेदांग में निपूर्ण और उत्तम रीति से शस्त्र चलाने वाली वीरांगनाए थीं।राजगुरु विश्वामित्र सहित सभी की योजना यह थी कि किसी भी प्रकार श्रीराम और लक्ष्मण द्वारा यज्ञ आदि श्रेष्ठ कार्य में विघ्न डालने वाले असुरों का सफाया किया जाए।सभी को युवा धनुर्धारी श्रीराम और लक्ष्मण पर पूर्ण विश्वास था।महाराजा दशरथ के मोह से दूर करके दोनों बालवीरो को माता कैकेई द्वारा १४ वर्ष का वनवास और राजकुमार भरत का राज्याभिषेक करवाने की सुव्यवस्थित योजना लागू की गई।ऐसे उज्जवल चरित्र वाले श्रीराम के जीवन और कार्य को देखकर हमें बहुत बड़ी प्रेरणा मिलती है।वाल्मीकि रामायण में दर्शित श्रीराम के उज्जवल चरित्र को प्रस्तुत करके समाज में सुख,शांति,प्रसन्नता और समरसता का वातावरण उत्पन्न करें।जिससे राष्ट्र का उद्यान खुशियों से खिल उठे।संरक्षिका डॉ प्रतिभा सिंघल ने कहा कि बाल्मीकि रामायण में महर्षि नारद ने श्रीरामचंद्र जी के बहुत सारे गुणों का वर्णन करते हुए उन्हें दृढ़ता में पर्वत के समान गंभीरता में समुद्र के समान शीतलता में चंद्रमा के समान बताया है उनके चारित्रिक गुणों को अपनाना चाहिए।तभी रामनवमी मनाना सार्थक होगा।उनका जीवन विश्व के प्रत्येक मानव के लिये अनुकरणीय है।इस अवसर पर केन्द्रीय आर्य युवक परिषद् उत्तर प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष योगी प्रवीण आर्य ने भी अपने विचार रखे।संचालन करते हुए यशस्वी प्रधान वेद प्रकाश तोमर ने कहा कि वर्तमान समय में जब समाज में विघटन भाइयों के परिवारों में संपत्ति के वर्चस्व के लिए लड़ाई झगडे से केवल भगवान राम के आदर्शों पर चलकर ही मुक्ति पाई जा सकती है।उन्होंने कार्यक्रम में भाग लेने के लिये अवंतिका की सारी टीम मंत्री सुरेंद्र सिंह,देवेंद्र तोमर,एसपी सिंह,सुमन जिंदल,सतीश आर्य आदित्य वर्मा आदि सभी को हृदय से धन्यवाद ज्ञापित किया।इस अवसर पर मुख्य रूप से सर्वश्री मनोज त्यागी, आशा आर्या, ज्ञान प्रभा बंसल, रेखा गर्ग, कृपाल सिंह, संजीव आर्य, प्रेम पाल शर्मा,प्रमोद शास्त्री,वी के धामा, प्रवीण शर्मा एवं त्रिलोक शास्त्रीआदि मौजूद रहे।