अनमोल कुमार / भोला प्रसाद
पटना। दधीचि देहदान समिति बिहार के जागरूकता अभियान के फलस्वरुप रोहतास सासाराम निवासी आयरन लेडी 68 वर्षीय सविता डे का पार्थिव शरीर इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान के एनाटोमी विभाग को सौंपा गया।
आज से कुछ वर्ष पूर्व इन्होंने दधीचि देहदान समिति में अपना देहदान का संकल्प पत्र भरा था उसी संकल्प को परिजनों ने पूरा कराया। सविता डे जी बहुत बड़े सामाजिक कार्यकर्ता थे उन्होंने एक संस्था परिवर्तन विकास के तरह समाज की सताई गरीब निर्वासित महिलाओं का सहारा दिया। उनको सशक्त बनाकर समाज में पेश किया। वे कई बार रक्तदान भी किए थे। इस अतुल्य योगदान के लिए बारम्बार प्रणाम।
देहदान के लिए उनका शरीर डेहरी रोहतास से एम्बुलेंस द्वारा इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान पटना लाया गया। मृतक के शरीर को रिसीव करने के लिए अस्पताल में दधीचि देहदान समिति के सदस्यगण,विभागाध्यक्ष एनाटॉमी, डॉ अवनीश कुमार, डॉ बिनोद कुमार एवं देहदानी के पति सुविनय साहा,बहन अनीता डे, परिजन,राणा प्रताप,शाहीना प्रवीण, गीता सिंग,अनीता डे बिनोद कुमार,जगत भूषण की उपस्थिति में संपूर्ण शरीर को एनाटॉमी विभाग को सौपकर पीड़ित मानवता की सेवा के लिए एक मिसाल कायम किया।
इस मार्मिक घड़ी में अस्पताल परिसर में बैकुंठवासी आत्मा को उपस्थित लोगों द्वारा श्रद्धांजलि अर्पित की गई तथा एक मिनट का मौन रखा गया। अस्पताल प्रशासन और दधीचि देहदान समिति द्वारा मृतक के परिवार को साहसिक कार्य हेतु आभार व्यक्त किया गया।
कुछ दिन पूर्व बख्शी धीरेन्द्र प्रसाद जी का देहदान हुआ था। देहदानी परिवार के आवास मीठापुर जाकर समिति के सदस्यों द्वारा धार्मिक परोपकारी परिवार को अंगवस्त्र एवं प्रशस्ति पत्र से सैकड़ो की संख्या में मौजूद लोगों के बीच सम्मानित किया गया।
समिति के अध्यक्ष- श्री गंगा प्रसाद,पूर्व राज्यपाल, महासचिव पदमश्री बिमल जैन ने लोगों से आवाहन किया कि मृत्यु के बाद शरीर दान करने की परंपरा शुरू किया जाए। यह अदभुत है। ऐसा करने वाले बहुत कम है।
इनके शरीर का इस्तेमाल मेडिकल की पढ़ाई करने वाले विद्यार्थी कर सकेंगे बता दें कि प्रत्येक 20 विद्यार्थी पर एक देह की आवश्यकता होती है लेकिन बिहार में मृत शरीर नहीं मिलने पाने के कारण यह औसत 300 विद्यार्थी पर एक ही है ।
इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान के निदेशक डॉ बिंदे कुमार को एम्बुलेंस की सुविधा देने हेतु हृदय से आभार व्यक्त किया गया।