*बिहार बाॅयोफ्यूल्स उत्पादन उत्पादन प्रोत्साहन नीति -25 पर मुहर*
रिपोर्ट अनमोल कुमार
पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में आयोजित बिहार कैबिनेट की बैठक में उद्योग विभाग से संबंधित 2 निर्णय लिए गये जिसमें पहला बिहार बॉयोफ्यूल्स उत्पादन प्रोत्साहन (संशोधन) नीति, 2025 के संबंध में तथा दूसरा औद्योगिक प्रोत्साहन नीति, 2011 के अंतर्गत अच्छादित 74 वैसी इकाईयाँ, जिन्हें सक्षम प्राधिकार का अनुमोदन प्राप्त नहीं है, को उक्त नीति के अनुरूप शेष अनुमान्यता अवधि के लिए देय अनुदान का भुगतान करने की स्वीकृति के संबंध में।
बिहार बॉयोफ्यूल्स उत्पादन प्रोत्साहन (संशोधन) नीति, 2025 के अंतर्गत निवेश को मिलेगा बढ़ावा
बिहार सरकार द्वारा नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने एवं हरित ऊर्जा स्रोतों के उपयोग को प्रोत्साहित करने हेतु बिहार बॉयोफ्यूल्स उत्पादन प्रोत्साहन नीति, 2023 को लागू किया गया था। इस नीति के माध्यम से बॉयोफ्यूल्स क्षेत्र में निवेशकों को पर्याप्त प्रोत्साहन मिला, जिससे इस क्षेत्र में निवेश की गति तेज हुई है।
बॉयोफ्यूल्स क्षेत्र में निवेश की संभावनाओं एवं निवेशकों की बढ़ती रुचि को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने “बिहार बॉयोफ्यूल्स उत्पादन प्रोत्साहन (संशोधन) नीति, 2025” को अधिसूचित किया है। इसके अंतर्गत निजी कंपनियों एवं तेल विपणन कंपनियों (OMCs) द्वारा स्थापित की जाने वाली कम्प्रेस्ड बॉयोगैस (CBG) इकाइयों के लिए सिंगल विंडो क्लीयरेंस पोर्टल पर स्टेज-1 क्लीयरेंस की अंतिम तिथि 31 मार्च 2027 तथा वित्तीय स्वीकृति की अंतिम तिथि 31 मार्च 2028 तक बढ़ा दी गई है।
राज्य सरकार ने यह भी प्रावधान किया है कि CBG इकाइयों की स्थापना हेतु निजी कंपनियों एवं OMCs को BIADA के निर्धारित औद्योगिक क्षेत्रों में अधिकतम 25% भूमि रु. 75,000 प्रति एकड़ प्रति वर्ष की दर से 30 वर्षों के लिए लीज पर उपलब्ध कराई जाएगी।
राज्य सरकार का यह कदम पर्यावरण के अनुकूल ऊर्जा स्रोतों को प्रोत्साहित करने के साथ-साथ राज्य में उद्योग एवं निवेश को गति देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।
औद्योगिक प्रोत्साहन नीति-2011 के तहत, ऐसी इकाइयाँ जिन्हें राज्य निवेश प्रोत्साहन परिषद या जिला स्तरीय सिंगल विंडो क्लीयरेंस समिति से अनुमोदन प्राप्त है और जो कार्यरत हैं, परंतु सक्षम प्राधिकार से अनुमोदन प्राप्त नहीं कर पाई हैं, उनके 31 अगस्त 2023 तक विभागीय पोर्टल पर जमा किए गए 74 आवेदनों के अनुदान दावों का प्रस्तावित प्रोत्साहन राशि लगभग 453 करोड़ रुपये का भुगतान, संबंधित वैधानिक स्वीकृतियाँ प्राप्त करने के उपरांत किया जाएगा। साथ ही, इन इकाइयों को शेष अनुमेयता अवधि के लिए SGST/वेट एवं विद्युत शुल्क की प्रतिपूर्ति भी नियमानुसार की जाएगी।