झाबुआ थांदला माणक लाल जैन
थांदला कैथोलिक चर्च के चैनपुरी में 121 वर्ष पुरानी माता मारिया के मंदिर में स्थापित माता मारिया की प्रतिमा जोकि सन 1904 में तत्कालीन झाबुआ के प्रथम पुरोहित फादर चार्ल्स कापूचिन द्वारा तत्कालीन झाबुआ के राजा उदयसिंह की आज्ञा से स्थापित की गई थी।तब से लेकर आज तक प्रति वर्ष यह पर्व मनाया जाता है। दिनांक 4 मई रविवार को दो मिसाएं अर्पित की जाएगी प्रथम मिस्सा प्रातः 10 बजे होगी जिसके मुख्य याजक उदयपुर डायसिस के बिशप देवप्रसाद गणावा होंगे। जबकि दूसरी मिस्सा दोपहर 2 बजे होगी जिसके मुख्य याजक झाबुआ डायसिस बिशप पीटर खराड़ी होंगे। दो बजे मिस्सा के पूर्व मिशन परिसर थांदला से जुलूस निकाला जाएगा जो कि मिशन परिसर से भंसाली चौराहा होकर सीधा चैनपुरी माता मरियम मंदिर पहुंचेगा जहां मिस्सा अर्पित की जाएगी । पर्व की सभी तैयारियां पूर्ण की जा चुकी है। अलग अलग समितियां बनाई गई हैं जो अपना अपना कार्य भार देखेंगे। पूजन पद्धति का सम्पूर्ण कार्यभार फादर असीम मिंज बैठक व्यवस्था पल्ली परिषद के सचिव राजेंद्र बारिया और उनका दल पानी की व्यवस्था सब्बू भूरिया और उनका दल। गीत संगीत राजू कटारा और उनका दल। मन्नत की मिसाएं लिखना और रास्ते की साफ सफाई माता मारिया समिति अध्यक्ष श्रीमती नीलम मचार और उनका दल सुरक्षा व्यवस्था पल्ली परिषद सदस्यों एवं युवा दल। मीडिया पीटर बबेरिया नीलिमा डाबी और जोसेफ माल। बेदी सज्जावट ब्रदर माजे श बारिया सिस्टर अमृता रावत एवं सिस्टर शेषना प्रभारी रहेंगे जुलूस में गीत भजन एवं प्रार्थना के लिए तीन दल बनाए गए है प्रथम दल मथियास रावत और उनका दल दूसरा राजू कटारा और उनका दल तीसरा बड़ी एवं छोटी धमनी और झापातरा दल। ढोल एवं मांडल के लिए प्रभु मेडा दल । स्वागत सत्कार के लिए बापूसिंह निनामा और उनके दल को सौंपा गया है। जोकि पल्ली पुरोहित फादर पीटर कटारा की देख रख में संपन्न होगा।