रिपोर्ट अनमोल कुमार
गया। बेलागंज स्थित ज्ञान भारती ग्लोबल स्कूल में मदर डे (मातृत्व दिवस) का कार्यक्रम बड़े उत्साह के साथ मनाया गया| इस कार्यक्रम में उपस्थित सभी माताओं का छात्रो के द्वारा चन्दन एवं पुष्पों से अभिनंदन किया गया | इस कार्यक्रम में हर वर्ग के छात्रों नें बढ़ चढ़कर भाग लिया|
इस समय छात्रों का उत्साह देखते ही बन रहा था| कुछ छात्रों के द्वारा मदर डे के अवसर पर नृत्य एवं गायन प्रस्तुत किए गएl नृत्य और संगीत के द्वारा छात्रों ने सभी आगन्तुकों का मन मोह लिया| इस अवसर पर विद्यालय के निदेशक श्री विनीत कुमार ने (मातृत्व महान गौरव का पद है) इस सूक्ति पर छात्रों को माता और संतान के महत्व से संबोधित किया| उन्होंने कहा- मां का प्रेम संसार में सबसे अनमोल है। खुद को भूलकर वो अपने बच्चे का पालन-पोषण करती है। हर वक्त उसकी सलामती की दुआ करती है। खुद भूखा रहकर उसका पेट भरती है। अपने कपड़े न खरीद कर बच्चे की जिद्द को पूरा करती है। इस संसार में आपका अस्तित्व माता के बिना कल्पना भी नही किया जा सकता है | इस संसार में परम शांति एवं प्रेम का उदाहरण की बात हो तो माता का उदहारण से श्रेष्ठ कुछ भी नही हो सकता है | अंत में उन्होंने कहा माँ का महत्व दुनिया में कम नही हो सकता और माँ जैसा दुनिया में कुछ हो नही सकता, तो मैं इस कविता की यह पंक्तियाँ माँ के नाम करता हूँ और दुनिया के सब माताओं को प्रणाम करता हूँ | इसके साथ वे अपनी वाणी को विराम दिए,उनके व्याखान को बहुत एकाग्रता के साथ सुना, उनके द्वारा बताये गए संदेशों का विशेष प्रभाव पड़ा बहुत सारे छात्रो के मन में आँखों के आंसू दिखाई दे रहे थे और उसके बाद विद्यालय के प्राचार्य श्री कुमार अजय भूषण ने भी छात्रों को बताया कि हमारे जीवन में माता का क्या स्थान हैं| उनके बिना हम अपने जीवन के परिकल्पना भी नही कर सकते हैं| माता और पुत्र(संतान) के सबंध के बारे में उन्होंने श्री कृष्ण और यशोदा के उदहारण के द्वारा छात्रों को बताया| सभी छात्रा उनके बताये गए उदाहंरणों को बहुत हीं ध्यानपूर्वक सुन रहे थे | उनके बाद उप प्रधानाचार्य ने कहा – मां हमारे जीवन में सबसे अनमोल होती है. मां के बिना सिर्फ घर ही नहीं बल्कि जिंदगी भी अधूरी है. मां हमें अपनी कोख में रखने से हमे पूरी जिंदगी एक ही तरह का लाड-दुलार करती है. कहीं मां को भगवान का दर्जा दिया गया है तो कहीं मां के पैरों के नीचे जन्नत है. मां है तो सब है। सभी शिक्षकगण भी अपने-अपने विचार माता के प्रति क्या होना चाहिए, उसके बारे में छात्रों को बताए| इन सभी कार्यक्रम को देखकर विद्यालय का महौल इस समय एक अलौकिक लग रहा था| ये सभी दृश्य को आये आगंतुकों ने अपने हृदय में संयोजित कर लिये|