ज़मीन अब सिर्फ ज़मीन नहीं, बिहार में ये सोने से कम नहीं!
रिपोर्ट अनमोल कुमार
पटना: बियाडा के मीटिंग हॉल में कुछ ऐसा नज़ारा देखने को मिला । 36 लाख… 36 लाख एक… 55, 56, 62… और अंत में बोली लगी Rs. 65 लाख की! ये कोई फिल्मी सीन नहीं था। यह हकीकत थी बियाडा की प्रोजेक्ट क्लियरेंस कमिटी (PCC) की बैठक की, जहाँ एक ही औद्योगिक भूखंड के लिए दो कंपनियों के बीच जबरदस्त अभिरुची देखने को मिली। बिहार में अब उद्योगों के लिए ज़मीन की वैल्यू इतनी हो गई, हर इंच की कीमती है, हर प्लॉट अवसर से भरा है। क्योंकि अब यहां सिर्फ ज़मीन नहीं मिलती है, मिलता है भरोसा, भविष्य और विकास का सुनहरा मौका।
PCC बैठक में एक ऐतिहासिक कदम उठाया गया— बियाडा में पहली बार औद्योगिक क्षेत्र, फोरबिसगंज की भूमि आवंटन के लिए नीलामी प्रक्रिया अपनाई गई। बैठक में दो आवेदकों—एम/एस मंगल मूर्ति ट्रेडर्स (जो पोहा एवं चूड़ा उत्पादन में कार्यरत हैं) और एम/एस शाकिर एंटरप्राइज़ेज (जो मखाना प्रोसेसिंग एवं पैकेजिंग क्षेत्र में कार्यरत हैं) ने एक ही भूखंड के लिए रुचि दिखाई। पारंपरिक “पहले आओ, पहले पाओ” पद्धति से हटकर, बियाडा ने दोनों पक्षों के बीच एक निष्पक्ष और प्रतिस्पर्धी नीलामी आयोजित की। भूमि की आधार मूल्य Rs. 32,50,011 निर्धारित की गई थी, और उत्साही बोली प्रक्रिया के माध्यम से एम/एस मंगल मूर्ति ट्रेडर्स ने Rs.65,50,011 की उच्चतम बोली के साथ भूमि प्राप्त की जो दोगुनी से भी अधिक है । नीलामी प्रक्रिया पूर्ण पारदर्शिता और पेशेवर तरीके से संपन्न हुई, जिसमें दोनों आवेदकों ने सक्रिय एवं उत्साहपूर्वक भागीदारी निभाई। अंततः भूखंड उस निवेशक को आवंटित किया गया, जिसने सर्वोच्च बोली लगाई जो बाजार की वास्तविक मांग और निवेशकों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा का प्रमाण है।
मा० मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार के दूरदर्शी नेतृत्व और उद्योग मंत्री श्री नीतीश मिश्रा के सक्रिय मार्गदर्शन में, बिहार औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकरण (बियाडा) ने औद्योगिक भूमि आवंटन के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज किया।
एक प्रगतिशील कदम उठाते हुए, बियाडा ने प्रोजेक्ट क्लियरेंस कमिटी (PCC) के अंतर्गत एक नई पहल की शुरुआत की जहां पहली बार औद्योगिक क्षेत्र में भूमि का आवंटन पारदर्शी नीलामी के माध्यम से किया गया। बियाडा एवं आईडा के प्रबंध निदेशक श्री कुंदन कुमार, भा.प्र.से., ने कहा कि यह बिहार में औद्योगिक विकास के प्रति हमारी सोच में एक परिवर्तनकारी बदलाव का संकेत है, जहाँ पहले हमें निवेशकों को बुलाना पड़ता था, आज वे खुद आगे आ रहे हैं—यहाँ तक कि एक ही भूखंड के लिए अभिरुची दिखा। यह बदलाव का एक मजबूत संकेत है। बियाडा की पहली लाइव नीलामी मॉडल की सफलता का स्वागत करते हुए उन्होंने कहा: यह पहल केवल ज़मीन के बारे में नहीं है—यह उस प्रणाली के बारे में है जो पारदर्शिता, गति और सही बाज़ार मूल्य को दर्शाती है। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ शुरुआत है, हम इस पूरी प्रक्रिया को ऑनलाइन लाने की तैयारी कर रहे हैं। जल्द ही कोई भी उद्यमी देश के किसी भी कोने से उद्योगिक ज़मीन के लिए बोली लगा सकेगा। यह हमारी डिजिटल ट्रांसफ़ॉर्मेशन की दिशा में एक बड़ा कदम है, जिससे भागीदारी और भी समावेशी होगी।बिहार अब कारोबार के लिए तैयार है और अवसर अब बस एक बोली की दूरी पर है।
इस प्रक्रिया ने न केवल न्यायपूर्ण आवंटन सुनिश्चित किया, बल्कि राज्य के लिए अधिकतम राजस्व उत्पन्न करते हुए बाजार की मांग का सटीक प्रतिबिंब भी प्रस्तुत किया। इस प्रकार की पहल प्रणाली में एक क्रांतिकारी बदलाव का संकेत देती है। यह बियाडा की पारदर्शिता और कुशल औद्योगिक प्रबंधन के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती है।