July 13, 2025 8:24 pm

भारतीय ग्रामीण पत्रकार संघ ट्रस्ट

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डीजेजेएस द्वारा आयोजित कथा में श्रद्धालुओं ने मनाई भक्ति के रंगों की होली।

श्री आशुतोष महाराज जी (संस्थापक एवं संचालक, डीजेजेएस) के दिव्य मार्गदर्शन में सात दिवसीय श्रीमद भागवत कथा का आयोजन लाला गंगा सहाय जी धर्मशाला, गांधी बाज़ार, पिलखुवा, उत्तर प्रदेश में किया जा रहा है l कथा व्यास साध्वी सुश्री मेरुदेवा भारती जी ने कथा के तृतीय दिवस 27 मई, 2025 – मंगलवार को भक्त प्रह्लाद एवं होली प्रसंग को भक्तों के समक्ष रखा।

भागवताचार्या साध्वी सुश्री मेरुदेवा भारती जी ने भक्त प्रह्लाद की गाथा को समस्त श्रद्धालुगणों के समक्ष रखते हुए कहा की प्रह्लाद के पिता हिरण्यकशिपु ने उस पर इतने असंख्य अत्याचार किये, परंतु हर बार इस बाल भक्त की रक्षा हुई, क्योंकि वह हर क्षण ईश्वर के उस शाश्वत नाम का सुमिरन करता था, जो हमारी श्वासों के भीतर है। आज देखा जाए तो सारा संसार अशांत है! दुखी है! आज रक्षक स्वयं भक्षक बन गए है, इसलिए आज समाज पतन की गर्त में गिरता जा रहा है। द्वापर युग में भी जब मानवों की ऐसी दुर्दशा को देखते हुए श्री कृष्ण भगवद्गीता में उल्लेख करते हुए कहते हैं – “ईश्वरः सर्वभूतानां हृद्देशेऽर्जुन तिष्ठति” (अध्याय 18, श्लोक 61) अर्थात्‌- हे अर्जुन, परमात्मा सभी जीवों के हृदय में निवास करता है। परमात्मा से साक्षात्कार कर उनके उस शाश्वत नाम का सुमिरन करने से ही हम जीवन की विपरित परिस्थितियों में भी आगे बढ़ सकते हैं।

तत्पश्चात् सत्य की विजय होने पर होली का पर्व भी धूमधाम से मनाया गया। साध्वी जी ने होली पर्व में निहित विशेष आध्यात्मिक रहस्यों को भक्तजनों के समक्ष रखा। उन्होंने कहा होली, अर्थात्‌ आत्मा परमात्मा की होली, जिन श्री कृष्ण को हम मानते हैं, उनका अंतर्घट में दर्शन कर, उन्हें जब जाना जाता है, तब वास्तविक रूप से होली को हम समझ पाते हैं। कार्यक्रम में क्षेत्रवासी भक्तजन भी बड़ी संख्या में उपस्थित थे, जिन्होंने पूरे श्रद्धाभाव से कथा को श्रवण किया। दीप प्रज्वलन के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ, जिसमें अनेक माननीय अतिथि गण, जैसे– कुलदीप गौर (समाजसेवी), विमलेश (समाजसेवी), लक्ष्मी (समाजसेवी), रीना (समाजसेवी) एवं कमलेश (समाजसेवी), अनिल (समाजसेवी), मनोज चौधरी (समाजसेवी), श्री राहुल जी (टैंटवाले), पिलखुआ आदि की गरिमामयी उपस्थिति रही। होली के पावन उपलक्ष्य में वातावरण ‘कृष्ण-नाम’ के उल्लास से गूंज उठा, और भक्तजन नृत्य व भजन में मग्न हो गए। अंत में प्रसाद वितरण के साथ तृतीय दिवस की पूर्णाहुति हुई। आगामी दिवस में विशेष रूप से वामन अवतार एवं बलि उद्धार और भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव का वर्णन प्रस्तुत किया जाएगा।

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