June 24, 2025 6:10 am

भारतीय ग्रामीण पत्रकार संघ ट्रस्ट

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मुख्य मंत्री के कार्यालय से एटा के मेडिकल बोर्ड घोटाले को लेकर लिया गया संज्ञान

 

*मुख्य मंत्री कार्यालय ने प्रमुख सचिव गृह एवं गोपन विभाग को
दिए जांच/कार्यवाही के निर्देश

*बीजीपीएस ने की थी शिकायत सी एम ओ की संलिप्तता की जांच की मांग की थी

एटा। पिछले महीने आरक्षी अभ्यर्थियों के चिकित्सा परीक्षण में हुए करोड़ों के भ्रष्टाचार की ओर उत्तर प्रदेश के मुख्य मंत्री योगी आदित्यनाथ के लोक भवन स्थित कार्यालय ने शिकायत संज्ञान लेते हुए प्रमुख सचिव गृह/गोपन विभाग को एक्शन के लिए संदर्भित किया है। मुख्य मंत्री योगी आदित्यनाथ के विशेष सचिव मुख्यमंत्री कार्यालय लखनऊ श्री ईशान प्रताप सिंह ने प्रमुख सचिव गृह को निर्देशित किया जिस पर अपर मुख्य सचिव गृह गोपन ने कार्यवाही अधीनस्थ अधिकारी को निर्देश दिए है। स्मरण रहे मामले की ध्यान आकृष्ट कराते हुए भारतीय ग्रामीण पत्रकार संघ (ट्रस्ट) उत्तर प्रदेश के स्टेट महा सचिव अमोल चंद्र श्रीवास्तव ने पूरे प्रकरण में एटा के मुख्य चिकित्सा अधिकारी की भूमिका की प्रभावी जांच मांग की थी।मुख्य मंत्री योगी आदित्यनाथ को प्रेषित पत्र/ शिकायत में बीजीपीएस ने कहा है कि एटा जनपद में पुलिस भर्ती मेडिकल बोर्ड द्वारा अभ्यर्थियों से डरा धमका कर अनुमानित 10 करोड़ की अवैध बसूली की गई जिसमें बोर्ड अध्यक्ष को रंगे हाथों गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है। परन्तु इसके पीछे एटा के मुख्य चिकित्सा अधिकारी की भूमिका पर कोई सवाल जबाव नहीं किया हैं। अवगत कराया है उत्तर प्रदेश शासन द्वारा पुलिस आरक्षी सीधी भर्ती वर्ष 3023 एटा जनपद में लगभग 75 5 अभ्यर्थियों को मेडिकल बोर्ड से परीक्षण कराया गया। जिसमें अभ्यर्थियों से बोर्ड के सदस्यों,स्वास्थ विभाग के सक्रिय दलालों एवं उच्चाधिकारियों की शह पर खुलेआम डरा धमका कर बसूली की है। जिसकी दर प्रति अभ्यर्थी डेढ़ लाख से ढाई लाख तक बसूली गई है। मजे की बात यह रही जो अभ्यर्थी इस भ्रष्ट बोर्ड द्वारा फेल किए गए वो मंडलीय बोर्ड के परीक्षण में पास हो गए।
समझा जाता है यदि नीर क्षीर विवेकी जांच हुई तो स्वास्थ विभाग के आला अफसर सहित एक दर्जन से अधिक विभागीय कर्मी एवं पालतू दलाल शिकंजे में आ सकते हैं।
लिखित शिकायत में कहा गया था कि इस बोर्ड गठन में नियमों की सरासर अनदेखी की गई। बोर्ड अध्यक्ष बनाए गए डा अनुभव अग्रवाल पर दिव्यागों से परीक्षण बसूली करने संबंधी जांच लंबित है। फिर ऐसे व्यक्ति इस चिकित्सा परिषद अध्यक्ष क्यों बनाया गया ? जबकि जनपद में अनेकों ए सी एक ओ एवं डिप्टी सी एम ओ है। परन्तु मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने उनको नजरंदाज करते हुए महज मेडिकल अफसर को बोर्ड अध्यक्ष क्यों बनाया यह जांच का विषय है। इस मामले में स्थानीय पुलिस की ओर से 9 अप्रैल को एफ आई आर संख्या
0219/25 के अंतर्गत भारतीय न्याय संहिता बी एन एस ए 2023 की धारा 61 (2) एवं धारा 308 सार्वजनिक परीक्षा अधिनियम 1998 की धारा (10)
एवं इसी अधिनियम की धारा ( 11) एवं धारा (13) के अंतर्गत कोतवाली नगर के उप निरीक्षक शिवा जादौन ने अभियोग पंजीकृत कराया था। इस क्रम में बताया जा रहा आरोपियों के बैंक एकाउंट खंगाले जा रहे। इधर अपर मुख्य सचिव गृह ने एटा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से जांच आख्या के साथ समुचित कार्यवाही के निर्देश दिए है।एटा जनपद में हुई इस साल की सबसे बड़ी घूसखोरी के साथ सम्पन्न हुई भर्ती परीक्षा के नाम पर हुए करोड़ों के खेल को लेकर मुख्य मंत्री कार्यालय का एक्शन धरातल पर क्या रंग दिखाता है यह देखने बाली बात होगी ?

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