December 6, 2025 8:55 am

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विश्वास वहीं टिकता है जहां मन शांत, विचार स्वस्थ और भावनाएं शुद्ध होती हैं: राष्ट्रपति

 

विश्वास वहीं टिकता है जहां मन शांत, विचार स्वस्थ और भावनाएं शुद्ध होती हैं: राष्ट्रपति

 

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज ईश्वरीय विश्वविद्यालय द्वारा शुक्रवार को लखनऊ में आयोजित विश्व एकता एवं विश्वास के लिए ध्यान (योग) के राज्य स्तरीय उद्घाटन समारोह में भाग लेते हुए राजयोग के जरिए आध्यात्मिक चेतना के विकास पर बल दिया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि विश्वास वहीं टिकता है, जहां मन शांत, विचार स्वस्थ और भावनाएं शुद्ध होती हैं। उन्होंने कहा कि सशक्त आत्मा ही विश्व एकता की संकल्पना को साकार करने की आधारशिला रही है। राष्ट्रपति मुर्मु के अनुसार, शांत और स्थिर मन समाज में शांति का बीज बोता है और वहीं से विश्व शांति और विश्व एकता की नींव बनती है।  भारत की प्राचीन सभ्यता ने दिया वसुधैव कुटुम्बकम् का संदेश कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में सम्मिलित होते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने “ओम शांति” के संबोधन से अपने वक्तव्य की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि भारत की प्राचीन सभ्यता और संस्कृति ने सदैव वसुधैव कुटुम्बकम् का संदेश विश्व को दिया है, जिसका भाव यह है कि सारा विश्व एक परिवार है। आज जब विश्व कई प्रकार की चुनौतियों से जूझ रहा है, तब यह विचार और अधिक प्रासंगिक बन जाता है। उन्होंने कहा कि उन्हें विश्वास है कि इस महान संकल्प को सिद्ध करने के लिए यह अभियान प्रभावी योगदान देगा। उन्होंने कार्यक्रम के शुभारंभ के लिए ब्रह्मकुमारीज परिवार के सभी सदस्यों को बधाई दी।  भारत सरकार ने समाज को अधिक समावेशी बनाने के लिए उठाए कदम राष्ट्रपति ने कहा कि भारत सरकार समाज को अधिक समावेशी, शांतिपूर्ण और मूल्य-आधारित बनाने के लिए अनेक महत्वपूर्ण कदम उठा रही है। योग एवं ध्यान को वैश्विक स्तर पर बढ़ावा देना तथा अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के आयोजन का नेतृत्व भी इसी का एक हिस्सा है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में मूल्य-आधारित शिक्षा तथा जीवन पोषण जैसे तथ्यों का समावेशन इसी दिशा का प्रयास है। भारत सरकार ने मिशन लाइफ अभियान की शुरुआत की है, जो पर्यावरण के प्रति जागरूकता प्रसारित करने का अभियान है। महिला सम्मान, आत्मनिर्भरता और सामाजिक समावेश के लिए विभिन्न राष्ट्रीय कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं।  आध्यात्मिक चेतना से सुरक्षित होगा मानवता का भविष्य वर्ष 2023 में भारत में हुए जी-20 समिट के आयोजन का उल्लेख करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि समिट का थीम था वन अर्थ, वन फैमिली, वन फ्यूचर। उन्होंने कहा कि ये पहल इस महत्वपूर्ण संदेश को मजबूत करती हैं कि मानवता का भविष्य मानव-मूल्यों, संवाद, विश्वास और आध्यात्मिक चेतना से सुरक्षित और उज्ज्वल होगा। उन्होंने कहा कि आधुनिक समय में विज्ञान और तकनीक के बल पर मानवता ने अभूतपूर्व प्रगति की है। आज का युग सूचना, प्रौद्योगिकी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन और अंतरिक्ष अनुसंधान का युग है। इन क्रांतिकारी परिवर्तनों ने मानव जीवन को अधिक सुविधाजनक, सुगम तथा संसाधन-संपन्न बनाया है।  तकनीकी उन्नति के साथ बढ़ रहा तनाव राष्ट्रपति मुर्मु ने कहा कि आज का मानव पहले की अपेक्षा अधिक शिक्षित और तकनीकी रूप से सक्षम है। उसके पास आगे बढ़ने के अनेक अवसर हैं, लेकिन समाज में तकनीकी उन्नति के साथ तनाव, असुरक्षा, अविश्वास और एकाकीपन भी बढ़ रहा है। आज आवश्यक है कि हम केवल आगे बढ़ने की ही नहीं, बल्कि अपने भीतर झांकने की भी यात्रा प्रारंभ करें। इसी ‘स्व’ से साक्षात्कार को सुगम बनाने का कदम ब्रह्मकुमारीज ने उठाया है, जिसके लिए वे धन्यवाद के पात्र हैं।

 

 

 

 

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