वक्फ कानून पर राजद नेता तेजस्वी यादव के बयान को बीजेपी नेता सुधांशु त्रिवेदी ने बहुत गंभीर और दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। उन्होंने कहा कि तेजस्वी के बयान का अर्थ यह हुआ कि वो ना संसद का सम्मान करते हैं और न ही ना न्यायपालिका का सम्मान।
अनिल कुमार गुप्ता स्टेट हैड दिल्ली
जून 30, नई दिल्ली: वक्फ कानून पर सियासत बयानबाजी का दौर एक बार फिर से तेज होता दिख रहा है। वक्फ कानून पर राजद नेता तेजस्वी यादव के बयान को बीजेपी नेता सुधांशु त्रिवेदी ने बहुत गंभीर और दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। उन्होंने कहा कि तेजस्वी के बयान का अर्थ यह हुआ कि वो ना संसद का सम्मान करते हैं और न ही ना न्यायपालिका का सम्मान।
पटना के गांधी मैदान में इंडी गठबंधन की एक रैली में राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा था कि हम संसद से पास कानून को फाड़ कर फेंक देंगे। तेजस्वी यादव के इस बयान पर बीजेपी ने निशाना साधा। बीजेपी नेता सुधांशु त्रिवेदी ने प्रेस वार्ता कर तेजस्वी यादव के इस बयान दुर्भाग्यपूर्ण बताया, जिसमें उन्होंने संसद से पास कानून को फाड़ कर फेंकने की बात कही थी।
सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि तेजस्वी यादव ने ना तो संसद का सम्मान किया और ना ही न्यायपालिका का सम्मान किया है। भाजपा और NDA गठबंधन इस बात के लिए दृढ़संकल्पित है कि बाबा साहेब अंबेडकर के संविधान को और उसके किसी भी प्रावधान को कोई कूड़े में फेंकना चाहेगा तो हम उसे नहीं होने देंगे।
बीजेपी नेता ने कहा कि मैं INDI गठबंधन से पूछना चाहता हूं कि क्या आप बिहार में सऊदी अरब, इंडोनेशिया, तुर्की और ISIS से ज्यादा बड़ा शरिया कानून लागू करने की सोच रहे हैं? हमें इस बात का सीधा और स्पष्ट जवाब चाहिए।
राजद और सपा जैसे दलों की समाजवादी पृष्ठभूमि को देखते हुए उन्होंने कहा कि मैं राजद और सपा जैसे दलों से पूछना चाहता हूं कि समाजवाद में तो धन का समान वितरण होना चाहिए, लेकिन आप कह रहे हैं कि 49 लाख एकड़ जमीन पर चंद लोगों का कब्जा होना चाहिए। यह एक सोची समझी मानसिकता है जो समाजवाद के विचार से बिल्कुल विपरीत है।
सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि बहुत दुख की बात है कि कल पटना के उसी गांधी मैदान में जहां आपातकाल के दौरान संविधान की रक्षा और सम्मान के लिए जान की परवाह किए बिना लाखों लोग एकत्रित हुए थे, वहां एक ऐसी रैली हुई जहां इंडी गठबंधन के बिहार के नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि ‘हम संसद से पारित एक कानून को कूड़ेदान में फेंक देंगे’।
तेजस्वी यादव के बयान पर बीजेपी नेता ने कहा कि यह बहुत गंभीर विषय है। उन्होंने वक्फ बोर्ड के कानून के लिए ऐसा कहा। इसका अर्थ यह हुआ कि ‘ना संसद का सम्मान, ना न्यायपालिका का सम्मान’। वोट बैंक की चाहत में जो कुछ भी तेजस्वी यादव और इंडी गठबंधन के नेताओं के द्वारा बोला गया है उससे साफ है कि वे संविधान को कूड़ेदान में फेंकने की 50 साल पुरानी मानसिकता से बाहर नहीं आ पा रहे हैं।